BPS health awareness Campaign क्या आपकी याददाश्त खा रही है आपकी ब्लड शुगर


शीर्षक: क्या आपकी याददाश्त खा रही है आपकी ब्लड शुगर?


🎤
नमस्कार और स्वागत है।

आज हम बात करेंगे एक ऐसे खतरे की, जो अक्सर हमारी नज़र से छुपा रहता है —
कैसे आपकी ब्लड शुगर धीरे-धीरे आपकी याददाश्त और दिमागी ताकत को नुकसान पहुंचा रही है।

हम सब जानते हैं कि डायबिटीज आंखों, दिल और किडनी को प्रभावित करती है —
लेकिन क्या आपने सोचा है कि यह आपके दिमाग को भी छोटा कर सकती है?
आपकी याददाश्त को चुपचाप चुरा सकती है?


🎤
सुनिए, एक सीधी बात:

🧠 हमारा दिमाग इंसुलिन पर निर्भर करता है।
लेकिन टाइप 2 डायबिटीज में दिमाग इंसुलिन के प्रति रジिस्टेंट हो जाता है।
और जब ऐसा होता है, तब याददाश्त कमजोर होने लगती है।

इसी कारण अब डॉक्टर अल्जाइमर को “टाइप 3 डायबिटीज़” कहने लगे हैं।


🎤
भारत में ये समस्या और भी गंभीर है।
यहां डायबिटीज के मरीजों की संख्या बहुत ज़्यादा है।

आजकल 40 की उम्र के लोग भी ब्रेन फॉग, यानी दिमागी धुंध,
और भूलने की बीमारी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।

एक स्टडी के अनुसार अगर डायबिटीज 50 की उम्र में होती है,
तो आगे चलकर डिमेंशिया का खतरा 50% से ज़्यादा बढ़ जाता है।
और अगर डायबिटीज़ 40 से कम उम्र में हो —
तो खतरा 77% तक बढ़ जाता है।

जी हाँ, सत्तत्तर प्रतिशत।


🎤
लेकिन ये हो क्यों रहा है?

ब्लड शुगर सिर्फ इंसुलिन को नहीं बढ़ाती —
यह आपके दिमाग की बारीक नसों को नुकसान पहुंचाती है।
दिमाग में सूजन, प्रोटीन जमा, और सेल डेथ की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।

धीरे-धीरे दिमाग सिकुड़ने लगता है,
सोचने-समझने की शक्ति घटती है,
और याददाश्त खोने लगती है।

दुख की बात ये है कि ज़्यादातर लोग इसे सिर्फ उम्र का असर मान लेते हैं —
जबकि असल में ये शुगर का असर होता है।


🎤
अब सवाल ये उठता है — क्या किया जाए?

डॉक्टर कहते हैं — अब हमें सिर्फ लाइफ स्पैन (जीवनकाल) नहीं,
बल्कि ब्रेन स्पैन (दिमागी सक्रियता) पर ध्यान देना होगा।

🧘‍♀️ नियमित व्यायाम, ध्यान, और अच्छी नींद
🍲 संतुलित आहार और ब्लड शुगर का नियंत्रण
— ये सब दिमाग को बचाते हैं।

आजकल कुछ नई दवाएं — जैसे GLP-1 ग्रुप की दवाएं (जैसे Ozempic, Semaglutide) —
ना केवल शुगर को कम करती हैं, बल्कि अल्जाइमर के असर को भी कम कर सकती हैं।

लेकिन दवा से पहले सबसे ज़रूरी है — जागरूकता।


🎤
तो अगर आपको या आपके किसी अपने को डायबिटीज़ है —
खासतौर पर अगर कम उम्र में —
तो इसे हल्के में न लें।

आपका दिमाग आपकी सबसे बड़ी पूंजी है।
इसे बचाइए।
संभालिए।

डायबिटीज़ सिर्फ मीठे का मामला नहीं है —
ये दिमागी सेहत का संकट है।

और अगर हमने समय रहते ध्यान दिया —
तो हम अपने भविष्य को भी बचा सकते हैं।

धन्यवाद।
सावधान रहें, स्वस्थ रहें, और जागरूक बनें।


Comments

Popular posts from this blog

CPC Pay Matrix for IIT, IIS, IIM, NITIE, IISER, NIT and IIIT7th CPC Pay Revision for Faculty and Scientific and Design Staff in Cen 7th trally Funded Technical Institutions (CRTI