दुर्व्यवहार सहें नहीं, अपने अधिकारों का इस्तेमाल करें
आपके अधिकार
15 जून को बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस है, अपने कानूनी अधिकारों को जानें
दुर्व्यवहार सहें नहीं, अपने अधिकारों का इस्तेमाल करें
भरण-पोषण से लेकर आत्म सुरक्षा तक का अधिकार रखते हैं बुजुर्ग
विराग गुप्ता
सुप्रीम कोर्ट के वकील
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लगभग 15% से ज्यादा सीनियर सिटिजन्स दुर्व्यवहार का शिकार होते हैं। देश में 6 से 8 बुजुर्ग हर महीने परिवार के सदस्यों द्वारा दुर्व्यवहार के शिकार होते हैं। दुनिया में बुजुर्गों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनिया में 2020 तक 60 वर्ष से ऊपर के लोगों की संख्या 140 करोड़ और 2050 तक 210 करोड़ हो जाएगी। वहीं देश में 2030 तक बुजुर्गों की आबादी 26 करोड़ हो जाएगी। इस लिहाज से बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाओं को रोकने के लिए उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता जरूरी है।
इसी उद्देश्य से हर साल बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर जानिए बुजुर्गों के कानूनी अधिकारों के बारे में। जिसका सही तरीके से इस्तेमाल कर वे अपनी सुरक्षा कर सकते हैं।
यदि माता-पिता, दादा-दादी या ऐसे बुजुर्ग जो अपनी आय या संपत्ति से अपना खर्च नहीं चला पा रहे हैं, उन्हें पीएमट-2007 में भरण-पोषण के लिए बच्चों पर दावा करने का अधिकार है। इसमें जन्म देने वाले बच्चे, सौतेले बच्चे एवं बहू-बेटा शामिल हैं। माता-पिता, सौतेले मां-बाप या संतान के बिना भी वरिष्ठ नागरिक दावा कर सकते हैं।
अगर बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार हो उन्हें इसे बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। वे बुजुर्ग न्यायाधिकरण या जिला मजिस्ट्रेट के पास इसकी लिखित शिकायत कर सकते हैं।
देश में बुजुर्गों के लिए माता-पिता व वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 में भरण-पोषण के लिए अधिकतम सुरक्षा, मेडिकल सुरक्षा, भरण-पोषण के लिए दावा एवं आत्म सुरक्षा का प्रावधान है। नेशनल-12 में बुजुर्गों के बच्चों से भरण-पोषण लेने का प्रावधान भी है।
- संविधान के नीति निदेशक तत्व अनुच्छेद-41 में बुजुर्गों के कल्याण के लिए सरकार को निर्देशित किया गया है। अनुच्छेद-21 में जीवन के मौलिक अधिकार में, जिसमें सम्मानपूर्वक जीवन के लिए नीति बनाना सरकार का दायित्व है, बुजुर्गों के लिए सुरक्षा नीति बनानी चाहिए।
- हिंदू उत्तराधिकार कानून (HAMA) 1956 की धारा-20 में बुजुर्गों के कल्याण का प्रावधान है।
यहां कर सकते हैं शिकायत, पुलिस के साथ केंद्रीय हेल्पलाइन नंबर पर मिलेगी सहायता
1. अपनी संपत्ति वापस ले सकते हैं : यदि किसी बुजुर्ग के बच्चों या वारिस ने उसकी संपत्ति हड़प ली, फर्जीवाड़ा किया या गलत तरीके से अपना अधिकार प्राप्त करने की कोशिश की है, तो बुजुर्ग संपत्ति वापस पाने का अधिकार रखते हैं। बुजुर्ग न्यायाधिकरण या सिविल कोर्ट (देरी होने पर) में संपत्ति वापस पाने का दावा कर सकते हैं।
2. सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर है :
केंद्र सरकार ने टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 14567 जारी किया है। यहां वरिष्ठ नागरिक किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार की शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा 100 नंबर पर भी पुलिस को शिकायत कर सकते हैं। वरिष्ठ नागरिकों के लिए पुलिस ने सीनियर सिटिजन सेल भी बनाई है, जिससे सीनियर सिटिजन की समस्याओं को सुना जाता है। नेशनल हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर 12 घंटे के अंदर मदद दी जाती है।
Comments