भारत पेंशनर्स समाज (BPS) के 8वें वेतन आयोग को प्रस्तुत ज्ञापन का प्रस्तावित अध्याय 2 – संक्षिप्त रूप में- Proposed Chapter 2 of BPS Memorandum to 8th CPC in brief
अध्याय 2: पेंशन पूर्व-2004 सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए सिविल सेवा पेंशन सुधार सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए वित्तीय सुरक्षा और न्यायसंगत पेंशन सुनिश्चित करना आवश्यक है। सर्वोच्च न्यायालय के नकड़ा निर्णय में स्पष्ट किया गया है कि पेंशन कोई अनुकंपा नहीं, बल्कि एक वैधानिक अधिकार है, जो सेवानिवृत्त कर्मचारियों के सामाजिक-आर्थिक न्याय की गारंटी देता है। पेंशनभोगियों को: सम्मान, आत्मनिर्भरता और गरिमा के साथ जीवनयापन की सुविधा हो। सेवानिवृत्ति पूर्व के स्तर के समान जीवन स्तर बनाए रखने की व्यवस्था हो। महंगाई और जीवनयापन लागत का प्रभाव 1 जनवरी 2016 से केंद्रीय पेंशन में कोई संशोधन नहीं हुआ है। महंगाई, आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों और चिकित्सा खर्चों में वृद्धि के कारण पेंशनभोगियों के लिए जीवनयापन कठिन हो गया है। पेंशन सुधार प्रस्ताव 1. पेंशन दर में संशोधन न्यूनतम पेंशन: 8वें वेतन आयोग के कल्पित वेतन (notional pay) का 65% (अंतिम वेतनमान या अंतिम 10 महीनों के वेतन औसत में से जो अधिक लाभकारी हो)। (TECS की 5वें वेतन आयोग रिपोर्ट के अनुसार)। पारिवारिक पेंशन: अंतिम वेत...