Success story-Smt. Anita Chatterjee- Non-payment of revised Life Time Arrears of 17 years

 Non-payment of revised Life Time Arrears of 17 years to Smt. Anita Chatterjee – Solved through Feedback Call Centre & Portal in 20 days

SUCCESS STORIES: FEEDBACK CALL CENTRE & PORTAL

Smt. Anita Chatterjee- Non-payment of revised Life Time Arrears of 17 years

Introduction:

In the realm of government pension disbursement, the tale of Smt. Anita Chatterjee stands out as a remarkable success story, demonstrating the efficacy of the Feedback Call Centre & Portal. This platform, designed to address grievances related to pension payments, played a pivotal role in resolving Smt. Chatterjee’s prolonged struggle for the non-payment of revised life-time arrears spanning 17 years.

The Challenge:

Smt. Anita Chatterjee’s predicament began when her Pension Payment Order (PPO) was issued in September 2022, lacking clarity on the payment of arrears from February 2007 to September 2022. Faced with this significant lapse, she decided to take action and filed a complaint on the portal on March 14, 2023.

Initial Setback:

Despite Smt. Chatterjee’s proactive approach, the resolution of her case did not transpire as expected. The pensioner found herself in a state of distress as the closure of her case did not result in the disbursal of the pensionary benefits she was rightfully entitled to.

Feedback Call Centre & Portal Intervention:

The turning point in Smt. Chatterjee’s ordeal came with the intervention of the Feedback Team associated with the Call Centre & Portal. Upon reaching out to her, the team re-registered her case, recognizing the need for further investigation and resolution. This marked the beginning of a more proactive and personalized approach to resolving her grievance.

Department of Pension and Pensioners’ Welfare (DOPPW) Intervention:

The Feedback Team, recognizing the gravity of the situation, actively engaged with the Department of Pension and Pensioners’ Welfare (DOPPW). Through a combination of emails, video conferencing (VC), and personal calls, the DOPPW played a crucial role in expediting the resolution process.

Triumphant Resolution:

Thanks to the coordinated efforts of the Feedback Team and DOPPW, Smt. Anita Chatterjee’s long-standing battle reached a triumphant conclusion. On October 13, 2023, she finally received the Life-Time Arrears (LTA), amounting to a substantial Rs. 14,00,000. The re-registered case that initially seemed insurmountable was successfully closed within a commendable timeframe of just 20 days.

Conclusion:

Smt. Anita Chatterjee’s success story highlights the tangible impact of the Feedback Call Centre & Portal in rectifying systemic lapses and ensuring justice for pensioners. The collaborative efforts of the Feedback Team and the DOPPW not only resolved a significant financial grievance but also instilled confidence in the efficacy of the system. As more success stories like this emerge, the Feedback Call Centre & Portal stands as a beacon of hope for pensioners seeking resolution and justice in their battles against bureaucratic challenges.


श्रीमती अनिता चटर्जी- 17 वर्षों के संशोधित लाइफ टाइम एरियर का भुगतान न होना

परिचय:

सरकारी पेंशन वितरण के क्षेत्र में, श्रीमती अनीता चटर्जी की कहानी एक अद्वितीय सफल कहानी के रूप में उभरती है, जो फ़ीडबैक कॉल सेंटर और पोर्टल की प्रभावकारीता को प्रदर्शित करती है। यह प्लेटफ़ॉर्म, जो पेंशन भुगतान से संबंधित शिकायतों को संबोधित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ने स्मति चटर्जी की 17 वर्षों तक की संघर्ष में सहायक भूमिका निभाई।

चुनौती:

श्रीमती अनीता चटर्जी की परेशानी उस समय शुरू हुई जब उसका पेंशन पेमेंट ऑर्डर (PPO) सितंबर 2022 में जारी हुआ, जिसमें 2007 के फरवरी से 2022 के सितंबर तक की अवधि के लाभ की भुगतान की स्पष्टता नहीं थी। इस महत्वपूर्ण कमी के सामने रखकर, उन्होंने 2023 के 14 मार्च को पोर्टल पर शिकायत दर्ज की।

प्रारंभिक झटका:

श्रीमती चटर्जी के सक्रिय उपायों के बावजूद, उसके मामले का निर्णय उनकी अपेक्षाओं के अनुसार नहीं हुआ। पेंशनभोगी ने खुद को संकट की स्थिति में पाया क्योंकि उसका मामला बंद होने के परिणामस्वरूप उसे पेंशन लाभ का वितरण नहीं हुआ जिसकी वह हकदार थी।

फ़ीडबैक कॉल सेंटर और पोर्टल हस्तक्षेप:

श्रीमती चटर्जी के कष्ट से बाहर निकलने का मोड़ फ़ीडबैक टीम के सहयोग से आया। उससे मिलकर, टीम ने उसका मामला पुनर्निबंधित किया, और आगे की जांच और समाधान की आवश्यकता को मान्यता दी। इससे उसकी शिकायत को समाधान करने के लिए एक और सक्रिय और व्यक्तिगत प्रयास का प्रारंभ हुआ।

पेंशन और पेंशनर्स वेलफेयर (DOPPW) हस्तक्षेप:

फ़ीडबैक टीम ने स्थिति की गंभीरता को पहचानते हुए, पेंशन और पेंशनर्स वेलफेयर विभाग (DOPPW) के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा। ईमेल, वीसी, और व्यक्तिगत कॉल्स के संयोजन के माध्यम से, DOPPW ने समाधान प्रक्रिया को तेजी से बढ़ाने में क्रियात्मक भूमिका निभाई।

जीत की निर्णय:

फ़ीडबैक टीम और डीओपीडब्ल्यूपीडब्ल्यू के समन्वित प्रयासों के कारण, श्रीमती अनीता चटर्जी की दीर्घकालिक लड़ाई ने एक जीती हुई निर्णय तक पहुँच गई। 13 अक्टूबर, 2023 को, उन्हें अंत में जीवनभर के बकाया (LTA) मिला, जिसका मौजूदा मूल्य लगभग 14,00,000 रुपये था। जो पुनर्निबंधित मामला पहले मुश्किल नजर आया था, वह सिर्फ 20 दिनों के समय में सफलता से समाप्त हो गया था।

निष्कर्ष:

श्रीमती अनीता चटर्जी की सफल कहानी फ़ीडबैक कॉल सेंटर और पोर्टल के तंत्रिक दोषों को सुधारने और पेंशनर्स के लिए न्याय सुनिश्चित करने में इसके वास्तविक प्रभाव को प्रमोट करती है। फ़ीडबैक टीम और डीओपीडब्ल्यूपीडब्ल्यू की साझेदारी से न केवल एक महत्वपूर्ण वित्तीय शिकायत का समाधान हुआ, बल्कि इस तंत्र में कुशलता में विश्वास भी दिलाया गया। जैसे ही इस तरह की और सफल कहानियाँ सामने आएंगी, फ़ीडबैक कॉल सेंटर और पोर्टल पेंशनर्स के लिए विरोध और ब्यूरोक्रेटिक चुनौतियों के खिलाफ समाधान और न्याय की ओर एक प्रकाश की तरह खड़ा है।


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