Notional increment for pensioners पेंशनभोगियों के लिए आनुमानिक वेतन वृद्धि | Central Govt Employees -
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Notional increment for pensioners पेंशनभोगियों के लिए आनुमानिक वेतन वृद्धि
GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF PERSONNEL, PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS
(DEPARTMENT OF PERSONNEL AND TRAINING)
RAJYA SABHA
UNSTARRED QUESTION NO. 2045
(TO BE ANSWERED ON 05.08.2021)
NOTIONAL INCREMENT FOR PENSIONERS
2045 DR. C.M. RAMESH:
Will the PRIME MINISTER be pleased to state:
(a) whether Central Administrative Tribunal (CAT), Allahabad Branch, Allahabad, by its order dated 26/02/2021 stated that whoever retired from Government Service on 30th June in different years are eligible for notional increment and matters are always judged ‘in rem’ and cannot be interpreted as “‘personam in nature,’ the details thereof; and
(b) by when DoPT is going to issue necessary orders for these pensioners as above and also in light of Supreme Court judgement on same issue vide its Order dated 23/07/2018 and Review Petition No. 1731/2019 vide its Order dated 08/08/2019, the details thereof and if not, reasons therefor?
ANSWER
MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF PERSONNEL, PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS AND MINISTER OF STATE IN THE PRIME MINISTER’S OFFICE
(DR. JITENDRA SINGH)
(a): CAT, Allahabad Bench in its Order dated 26.2.2021 in O.A. No.330/00146/2020 has, interalia, observed that the matters relating to pay fixation are governed by uniform policy of the Government and therefore any judgment in these matters are always in rem and cannot be
interpreted as judgment in personam.
Department of Revenue, Respondent No. 1, has informed that the Order dated 26.2.2021 in O.A. No.330/00146/2020 has been challenged vide Writ Petition WRIA 7911/2021 before Allahabad High Court, Allahabad.
(b): Several judgments/orders on the matter of grant of notional increment to those Central Government servants who have retired on 30″ June/31*’ December, have been pronounced by Courts/CATs. The order dated 23.07.2018 and dated 08.08.2019 of the Supreme Court relating to the judgement dated 15.09.2017 of High Court of Madras in W.P. No.15732 of 2017 in case of P. Ayyamperumal was considered as ‘in personam’ and not ‘in rem’.
On the other hand, in a similar case on the same subject matter, vide judgement dated 29.03.2019, while dismissing the SLP(C) Dy. No.6468/2019 in the case of Uol vs. Sakha Ram Tripathi, the Supreme Court has kept the questions of law open.
Further, in the matter of Ministry of Railways wherein CAT, Bengaluru Bench have allowed grant of notional annual increment to an employee who superannuated from service on 30.06.2014, the Supreme Court, in SLP(C) No.4722/2021, vide order dated 05.04.2021, has stayed operation of the said Order dated 18.12.2019.
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
(कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग)
राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या: 2045
(दिनांक 05.08.2021 को उत्तर के लिए)
पेंशनभोगियों के लिए आनुमानिक वेतन वृद्धि
2045. डा.सी.एम.रमेशः
क्या प्रधानमंत्री यह बताने की कृपा करेगे किः
(क) कया केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण, इलाहाबाद शाखा, इलाहाबाद ने दिनांक 26/2/2021 के अपने आदेश में यह कहा है कि ‘जो कोई भी अलग-अलग वर्ष में 30 जून को सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त होता है, वह आनुमानिक वेतन वृद्धि का पात्र है और ऐसे मामलों का निर्वचन हमेशा ‘सर्वसंबंधी!’ होता है और इसका निर्वचन ‘प्रकृति में व्यक्तिबंदी’ के रूप में नहीं किया जा सकता है, तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; और
(ख) इस मामले के संबंध में उच्चतम न्यायालय के दिनांक 23/07/2018 के आदेश के मद्देनजर और पुनर्विचार याचिका सं. 1731/2019 के संबंध में दिनांक 08/08/2019 के आदेश के अनुरूप कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग उक्त के संबंध में इन पेंशनभोगियों के लिए आवश्यक आदेश कब तक जारी करेगा, तत्संबंधी ब्योरा क्या है और यदि नहीं, तो इसके क्या ण हैं?
उत्तर
कार्मिक,, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा प्रधान मंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री (डॉ. जितेन्द्र सिंह)
(क) केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण, इलाहाबाद बेंच ने ओ.ए.सं. 330/00146/2020 में अपने दिनांक 26.2.2021 के आदेश में अन्य बातों के साथ-साथ यह देखा कि वेतन नियतन से संबंधित मामले सरकार की एक समान नीति द्वारा शासित होते हैं और इसलिए इन मामलों में कोई भी निर्णय हमेशा ‘सर्वसंबंधी’ (इन रेम) होता है और व्यक्तिबंदी (इन पर्सोनम) रूप से निर्णय के रूप में इसकी व्याख्या नहीं की जा सकती है।
राजस्व विभाग, प्रतिवादी सं. 1 ने सूचित किया है कि ओ.ए.सं. 330/00146/2020 में दिनांक 26.2.2021 के आदेश को इलाहाबाद उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के समक्ष रिट याचिका डब्ल्यूआरआईए 7911/2021 के माध्यम से चुनौती दी गई है।
(ख) 30 जून/31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त हुए केन्द्रीय सरकारी कर्मचारियों को कल्पित वेतन वृद्धि के मामले में कई निर्णय/आदेश अदालतों/सीएटी द्वारा सुनाए गए हैं। पी. अय्यामपेरूमल के मामले में वर्ष 2017 की डब्ल्यू. पी. सं. 15732 में मद्रास उच्च न्यायालय के दिनांक 15.09.2017 के निर्णय के संबंध में उच्चतम न्यायात्रय के दिनांक 23.07.2018 और दिनांक 08.08.2019 के आदेशों को सर्वसंबंधी’ नहीं मानकर व्यक्तिबंदी (इन पर्सोनम) माना गया था।
दूसरी ओर, इसी विषय पर एक समान मामले में भारत संघ बनाम सखा राम त्रिपाठी के मामले में एसएलपी (सी) डायरी संख्या 6468/2019 को खारिज करते समय उच्चतम न्यायालय ने दिनांक 29.03.2019 के अपने निर्णय के तहत कानून के प्रश्नों को खुला रखा है।
इसके अतिरिक्त रेलत्र मंत्रालय के मामले में दिनांक 30.06.2014 को सेवानिवृत्त हुए एक कर्मचारी को सीएटी, बेंगलुरू बेंच ने कल्पित वाषिक वेतन वृद्धि की अनुमति दी है, इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने एसएलपी (सी) संख्या 4722/2021 में दिनांक 05.04.2021 के आदेश के माध्यम से दिनांक 18.12.2019 के उक्त आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है।
Source: Rajya Sabha QA Hindi/English
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