R/S question : Accountability for Disposal of Work related to common people आम लोगों से जुड़े कार्य के निपटान के लिए जवाबदेही |
Accountability for Disposal of Work related to common people आम लोगों से जुड़े कार्य के निपटान के लिए जवाबदेही
GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF PERSONNEL, PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS
(DEPARTMENT OF ADMINISTRATIVE REFORMS & PUBLIC GRIEVANCES)
RAJYA SABHA
UNSTARRED QUESTION NO. 608
(TO BE ANSWERED ON 02.12.2021)
ACCOUNTABILITY FOR DISPOSAL OF WORK
608 # DR. KIRODI LAL MEENA:
Will the PRIME MINISTER be pleased to state:
(a) whether the employees working in Government departments do not dispose off the work related to common people within the prescribed time-frame;
(b) if so, the reasons therefor, and
(c) the measures taken and proposed to be taken by Government to fix accountability of Government servants for not disposing off the work related to public welfare and common people within the prescribed time-frame’?
ANSWER
MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF PERSONNEL, PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS AND MINISTER OF STATE IN THE PRIME MINISTER’S OFFICE
(DR. JITENDRA SINGH)
(a) to (c): The Government of India has taken measures to ensure that the work of citizens are disposed off in prescribed time frame. These include
(a) implementation of the Citizen’s Charters in all Ministries / Departments;
(b) Disposal of public grievances through Central Public Grievance Redressal System (CPGRAMS);
(c) Assessment of e-Service delivery through National e-Services Delivery Assessment; and
(d) Assessment through Good Governance Index.
Further, continuous review and improvement are made in these systems and timeline for disposal of public grievances in CPGRAMS has been reduced to 45 days from 60 days.
The Government has also reinforced several measures to improve efficiency in the decision-making in the government. Those measures include reducing levels in a channel of submission, delegation of powers to lower formulations, optimizing digital tools including e-office, digitization of Central Registry Units etc. The Government has also conducted special campaign from Oct 2-31, 2021 targeted towards disposal of pending matters. The campaign has significantly reduced the pendency in identified categories.
****
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग
राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न सं. 608
(02.12.2021 को उत्तर के लिए)
कार्य के निपटान के लिए जवाबदेही
608. डा. किरोड़ी लाल मीणा :
क्या प्रधान मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि :
(क) क्या देश में सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारी आम लोगों से जुड़े कार्यों का निपटान निर्धारित समय सीमा के भीतर नहीं करते हैं;
(ख) यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं; और
(ग) जनहित तथा आम लोगों से जुड़े कार्यों का निर्धारित समय अवधि के भीतर निपटान नहीं किए जाने के संबंध में सरकारी कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने के लिए सरकार द्वारा क्या उपाय किए गए हैं और किए जाने का विचार है?
उत्तर
राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय एवं राज्य मंत्री, प्रधानमंत्री का कार्यालय (डॉ. जितेन्द्र सिंह )
(क) से (ग) भारत सरकार ने नागरिकों से संबंधित कार्यों का निर्धारित समय सीमा में निपटान सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए हैं इनमें शामिल हैं
(क) सभी मंत्रालयों/विभागों में नागरिक चार्टर का कार्यान्वयन;
(ख) केंद्रीय लोक शिकायत निवारण प्रणाली (सीपीजीरैम्स)के माध्यम से लोक शिकायतों का निपटान;
(ग) राष्ट्रीय ई-सेवा प्रदायगी मूल्यांकन के माध्यम से ई-सेवा प्रदायगी का मूल्यांकन; और
(घ) सुशासन सूचकांक के माध्यम से मूल्यांकन।
इसके अतिरिक्त, इन पद्धतियों की सतत समीक्षा की जाती है ओर इनमें सुधार किए जाते हैं और सीपीजीरैम्स में लोक शिकायतों के निपटान की समय-सीमा को घटाकर 60 दिन से 45 दिन कर दिया गया है।
सरकार ने शासन में निर्णयन क्षमता में सुधार के लिए कई उपायों का समर्थन भी किया है। इन उपायों में प्रस्तुति के चैनलों को कम करना, निचले स्तर पर शक्तियों का प्रत्यायोजन, ई-ऑफिस सहित डिजिटल माध्यमों को इष्टतम बनाना एवं केंद्रीय रजिस्ट्री इकाई का डिजिटलीकरण किया जाना आदि शामिल है। सरकार ने 2 अक्तूबर से 31 अक्तूबर, 2021 तक लंबित मामलों के निपटान के लिए लक्षित विशेष अभियान भी चलाया है। इस अभियान से चिन्हित श्रेणियों में लंबित मामलों में उल्लेखनीय रूप से कमी आई है।
Source: Rajyasabha PDF in Hindi/English
Comments